Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

बेटी माँ से कहे@@ हाथ पीले कर दो न माँ @@@@@

ओ माँ, यह हाथ पीले सुना है बहुत
क्या बता सकती है तू , होता है यह क्या
कल रात शादी में पड़ोस में सब कह रही थी
अच्छा हुआ , की हाथ पीले हो गए उसके, !!

ओ माँ, तून बता न, कब होंगे हाथ पीले मेरे
ला हल्दी , कर जल्दी ,मेरे मन को शांत कर
कितना आसान है, हाथ को ऐसे पीले करना
नहीं जो जाकर रसोई से में ले लूंगी हल्दी !!

सुनकर इस बात को मन बड़ा व्याकुल हुआ
अपनी नन्ही सी जान ने यह क्या धमाल किया
अगर होता बेटी सब वो सामान, तो कर देती आज
बना लेती तेरा इक आशियाना , ले आती घर मेहमान !!

इक छोटी सी पूँजी से, कैसे होगा यह समाधान
बस बेटी तेरा यह काम जल्द ही करेंगे भगवान्
तुझ को वो सब मिले, जो न मिल सका तेरी माँ को
तेरा दामन सदा खुशिओं से भरा रहे, बस सब मिले तुझको !!

डर लगता है, की जब हो जायेंगे हाथ तेरे पीले बेटी
न जाने कैसा मिलेगा वर, घर तुझको ओ मेरी बेटी
बड़े नाजो से पाला है तुझको हम ने मिल कर ओ बेटी
जिस तरहां से इस घर खेली, बस वैसा ही मिल जाये बेटी !!

अरमान बहुत हैं दिल में, तेरा सदा सुखी रहे घर द्वार
हर ख़ुशी सदा तेरे आँगन में मिले तेरा चलता रहे संसार
तुझे हाथो में उठा कर रखे वो , जो तेरा बने वह प्यार
“अजीत” तुझे सदा मिलता रहे , हमारा शुभाशीष !!

अजीत तलवार
मेरठ

1985 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
"असली-नकली"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता -दो जून
कविता -दो जून
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
योगी है जरूरी
योगी है जरूरी
Tarang Shukla
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
❤️🖤🖤🖤❤
❤️🖤🖤🖤❤
शेखर सिंह
सच सच कहना
सच सच कहना
Surinder blackpen
"चार पैरों वाला मेरा यार"
Lohit Tamta
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
VINOD CHAUHAN
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
क्या यह महज संयोग था या कुछ और.... (4)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-553💐
💐प्रेम कौतुक-553💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
23/183.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/183.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
कुछ सपने आंखों से समय के साथ छूट जाते हैं,
manjula chauhan
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
किरण हर भोर खुशियों से, भरी घर से निकलती है (हिंदी गजल/ गीति
किरण हर भोर खुशियों से, भरी घर से निकलती है (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
उस सावन के इंतजार में कितने पतझड़ बीत गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
साहित्य का पोस्टमार्टम
साहित्य का पोस्टमार्टम
Shekhar Chandra Mitra
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
** सपने सजाना सीख ले **
** सपने सजाना सीख ले **
surenderpal vaidya
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
■ मानवता से दानवता की ओर जाना काहे का विकास?₹
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ऐसा इजहार करू
ऐसा इजहार करू
Basant Bhagawan Roy
*** मन बावरा है....! ***
*** मन बावरा है....! ***
VEDANTA PATEL
Loading...