-बेटी क्या अपराध तेरा?
पता लगा कि कोख में बेटी हैं,
,उगने से पहले कुचल दिया जाता है,
कारणवश ये अपराध होने से बच जाता है….
तो बेटी के पैदाइश पर ये बुरा समाचार
मुरझाए चेहरे से सुनाया जाता है,
और तो और……..
मन में हीन भावना भर
लोगों से मुंह छिपाया जाता है कि बेटी पैदा हुई है,
बेटा होता तो इज्जत की बात होती….
बेटी क्या अपराध तेरा?
तू तो सृष्टि का सृजन है,
खुशियों का प्यारा आंगन है,
जहां मिलें स्नेह,प्यार समान जीवन,
उस घर को हम स्वर्ग कहे हरदम,
बेटी तो दो घर में नूर लाती है,
आंनद का प्रकाश फैलाती है।
बेटी क्या अपराध तेरा?
जो कोख में मारी जाती है।
-सीमा गुप्ता