Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

बेटी की विदाई

लीजिए प्रस्तुत है विदाई गीत

गूँज उठी शहनाईयाँ कितने दिनों के बाद।
हुई पराई लाड़ली बस रह गई है याद।।
जाओ मेरी लाड़ली सज सोलह श्रृंगार।
बेटी को कहे बाप लिए नैन अश्रु धार।।

सासू की करना सेवा ,प्रियतम का रखना ध्यान।
घर के सभी बड़ों का करना सदा सम्मान।।
नणदल है सखी तेरी सुख दुख में दिनों रात ।
देवर से हँस के रहना कह देना दिल की बात।।
पिता समान ससुर का तू पाती रहना प्यार।
बेटी को कहे बाप………………

आजू बाज़ू तुझको संसार रोकेगा।
कोई न करना गलती परिवार टोकेगा।
पीहर की सीख मन में तू अपने ये भरले।
ससुराल स्वर्ग जैसा तन-मन से सेवा करले।।
जीवन के इस सफ़र को तू करना हँस के पार।
बेटी को कहे…………………

घर आए मेहमान को आदर सदा देना।
जैसा भी बन सके आशीष उनसे लेना।
भूखा न जाए घर से न जाए कोई खाली
सबको बना के देना झट उठके चाय प्याली
गुणवंती बेटी काम से करना नहीं इंकार।
बेटी से कहे ……………………

•••• अनमोल तिवारी”कान्हा”•••

Language: Hindi
Tag: गीत
2171 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"कवि के हृदय में"
Dr. Kishan tandon kranti
तिरंगा बोल रहा आसमान
तिरंगा बोल रहा आसमान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गाय
गाय
Vedha Singh
सच सच कहना
सच सच कहना
Surinder blackpen
#उपमा
#उपमा
*Author प्रणय प्रभात*
दुनियां और जंग
दुनियां और जंग
सत्य कुमार प्रेमी
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये मेरा हिंदुस्तान
ये मेरा हिंदुस्तान
Mamta Rani
💐अज्ञात के प्रति-63💐
💐अज्ञात के प्रति-63💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
होली
होली
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
नन्हीं बाल-कविताएँ
नन्हीं बाल-कविताएँ
Kanchan Khanna
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
रहते हैं बूढ़े जहाँ ,घर के शिखर-समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
सेंसेक्स छुए नव शिखर,
सेंसेक्स छुए नव शिखर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मित्रता दिवस पर विशेष
मित्रता दिवस पर विशेष
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...