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21 Jan 2017 · 1 min read

बेटियों को प्यार दो

बेटियों को प्यार दो (गीतिका)
****************
*
बेटियों को प्यार दो,
जिन्दगी संवार दो।
*
पुष्प बन ये खिल उठे,
इस तरह श्रृंगार दो।
*
हैं अशक्त अभी तनिक,
शक्ति का आधार दो।
*
खिलखिलाते स्वप्न को,
रूप तुम साकार दो।
*
सह चुकी हैं पतझड़ें,
फागुनी उपहार दो।
*
जिन्दगी का कीमती,
आज ही अधिकार दो।
*
यह धरा भी गा उठे,
वो अमिट संस्कार दो।
***************
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

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