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18 Jan 2017 · 1 min read

मैं तेरा रूप हूं माँ

मैं तुझसे दूर रह कर,
न तुझसे दूर हूं माँ,
तेरा रंग रूप लेकर,
तेरा ही रूप हूं माँ,
तूं है छाया मेरी तो,
मैं तेरी धूप हूं माँ,
तूं है गर प्यास मेरी,
मैं तेरी भूख हूं माँ,
तूं अगर दिल है मेरा,
मैं दिल की हूक हूं माँ,
तूं है गर्मी की ठंड़क,
सर्द सी धूप हूं माँ,
मैं तुझसे दूर रह कर,
न तुझसे दूर हूं माँ !

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