बेटियां ——– बेटो सा ही मान लो !
बेटों से कम नहीं बेटियां,
बात यारों यह जान लो ।
करो ना इन पर जुल्म कभी तुम
अपने मन में ठान लो ।
(१) इतिहास के पन्ने पलट के देखो
कहां बेटियां हारी थी ।
लक्ष्मीबाई बनी मर्दानी
जिसे कटारी जारी थी ।।
सावित्री के तप के आगे
मौत भी जिस से हारी थी ।
देवी अहिल्या अनुसुइया सी
जन्मीअनेकों नारी थी ।।
अपने अपने घर में इनको
बेटों सा ही मान लो ।
करो ना इन पर जुल्म कभी तुम
अपने मन में ठान लो ।।
**शेष फिर**——-
“राजेश व्यास अनुनय”
३०/८/२०२०