Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2017 · 1 min read

बेटियाँ — निवातिया डी. के.

बेटियाँ

घर आँगन की पहचान होती है बेटियाँ
हर चेहरे की मुस्कान होती है बेटियाँ
राम, कृष्ण भी लेकर आते है अवतार
ममता का ऐसा भण्डार होती है बेटियाँ !!

चंदन की खुशबु सी महकती है बेटियाँ
बन कोयल सी मधुर कूकती है बेटियाँ
चहकता है इनसे घर का कोना – कोना
चिड़ियों सी आँगन में झूमती है बेटियाँ !!

अपने हाथो से द्वार सजाती है बेटियाँ
स्वच्छता की पहचान बनती है बेटियाँ
कलि, फूल, खुशबु बन महकाती आँगन
घर को जन्नत का रूप देती है बेटियाँ !!

गुलशन सा आशियाना बनाती है
जंहा पड़े कदम पह्चान बनाती है
लक्ष्मी, सरस्वती, बनकर आती है
खुशियो का खजाना होती है बेटियाँ !!

सूरज की किरणों सी दमकती है
चंद्र की शीतलता सी चमकती है
सितारों की तरह वो झलकती है
जलते दीपक की लौ होती है बेटियाँ !!

हर पूजा, प्रार्थना यज्ञ की स्वामिनी
अग्नि, वायु, पृथ्वी समरूप तारिणी
सम्पूर्ण सृष्टि की जो जीवन दायिनी
जीने का मूल मंत्र होती है बेटियाँ !!

!

!
!

D. K. Nivatiya
निवातिया डी. के.

Language: Hindi
1280 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा
मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा
VINOD CHAUHAN
इसकी औक़ात
इसकी औक़ात
Dr fauzia Naseem shad
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
" काले सफेद की कहानी "
Dr Meenu Poonia
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ms.Ankit Halke jha
" ढले न यह मुस्कान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
कन्या पूजन
कन्या पूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
काव्य
काव्य
साहित्य गौरव
◆ आज का दोहा।
◆ आज का दोहा।
*Author प्रणय प्रभात*
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ऐसा इजहार करू
ऐसा इजहार करू
Basant Bhagawan Roy
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
वाह मेरा देश किधर जा रहा है!
कृष्ण मलिक अम्बाला
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
मुस्कान
मुस्कान
नवीन जोशी 'नवल'
फक़त हर पल दूसरों को ही,
फक़त हर पल दूसरों को ही,
Mr.Aksharjeet
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
Ram Krishan Rastogi
*फागुन चुलबुल आ गया 【कुंडलिया】*
*फागुन चुलबुल आ गया 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
ruby kumari
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
लिया समय ने करवट
लिया समय ने करवट
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-300💐
💐प्रेम कौतुक-300💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...