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3 Nov 2017 · 1 min read

बेटियाँ जब भी अपने मायका आती है

??????
बेटियाँ जब भी अपने मायका आती है।
लेने नहीं बहुत कुछ देने ही आती है।

दुआओं का अमृत कलश वो साथ लाती है,
बेटियाँ बोलो कब खाली हाथ आती है।

बेटियाँ जिस दहलीज पर कदम रखती वहाँ,
उसके कदमों के नीचे लक्ष्मी आती है।

भाई और भतीजे की नजरें उतार कर,
उनकी सभी बलैया ले लेने आती है।

बेटियाँ शुभकामनाएँ, शुभ आशीषों की,
सुखद सुमधुर स्नेहिल वृष्टि करने आती है।

धुंधलाते यादों के सभी अवशेषों को,
मन की हर कोने में सहेजने आती है।

अपने दिल की गहराईयों से जुड़ा हुआ,
अपनी जड़ों को फिर से सींचने आती है।

अपने सारे तनाव व दुख दर्दों से दूर,
सुकून के कुछ पल वहाँ बिताने आती है।

माँ के हाथों से बनी हुई कुछ खाते ही,
बेटी की आँखें बरबस भर ही आती है।

जाते-जाते अपना सब वही छोड़ जाती,
बेटियाँ मैके कुछ लेने नहीं आती है।
????—लक्ष्मी सिंह ?☺

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