Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2020 · 1 min read

बेचैन

“धड़कने”…”मेरी”…”बेचैन” रहती हैं…..
:
क्यूँकि “तेरे” बग़ैर…यह “धड़कती” कम हैं और…”तड़पती” ज़्यादा हैं…..?

4 Likes · 1 Comment · 199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बारिश
बारिश
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
" वाई फाई में बसी सबकी जान "
Dr Meenu Poonia
"बन्धन"
Dr. Kishan tandon kranti
विध्वंस का शैतान
विध्वंस का शैतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2628.पूर्णिका
2628.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
I
I
Ranjeet kumar patre
"दहलीज"
Ekta chitrangini
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
सफर ऐसा की मंजिल का पता नहीं
Anil chobisa
अगर मेरी मोहब्बत का
अगर मेरी मोहब्बत का
श्याम सिंह बिष्ट
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
#एक_स्तुति
#एक_स्तुति
*Author प्रणय प्रभात*
दर्द अपना है
दर्द अपना है
Dr fauzia Naseem shad
अच्छा रहता
अच्छा रहता
Pratibha Pandey
बेवफाई की फितरत..
बेवफाई की फितरत..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Neeraj Agarwal
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम तो कवि है
हम तो कवि है
नन्दलाल सुथार "राही"
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*शुभ स्वतंत्रता दिवस हमारा (बाल कविता)*
*शुभ स्वतंत्रता दिवस हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
करने लगा मैं ऐसी बचत
करने लगा मैं ऐसी बचत
gurudeenverma198
దీపావళి కాంతులు..
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
Loading...