Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2018 · 2 min read

बुरी आदत – बाल मनोविज्ञान

******************************
❆ लघुकथा सृजन –
❆ विषय – बुरी आदत
❆ तिथि – 06 दिसम्बर 2018
❆ वार – बुधवार
.
.
▼ विषय अनुसार लघुकथा
.
बाल मनोविज्ञान

अभिषेक अपने उच्च प्रशासनिक माता-पिता की इकलौती संतान था। उच्चकुलीन परिवार में जन्म साथ ही माता पिता दोनों उच्च प्रशासनिक अधिकारी घर में सभी प्रकार कि अत्युत्तम व्यवस्था ठाठबाट अनेक नौकर चाकर सभी सुविधाएं।
नहीं था तो सिर्फ इतना कि माँ-बाप का उसके लिए समय ?
आया एवं सेवकों के भरोसे उसका कोमल बाल मन क्या चाहता है इसका उन्हें अपने अतिव्यस्त दिनचर्चा कार्यालय के कार्याधिक्य ऊपर की आय शाम की लगभग रोजाना होने वाली पार्टियों के कारण कभी समय नहीं रहा?
परिणाम प्यार पाने की भूख ने पहले उसे जिद्दी फिर धीरे-धीरे हुक्का कैफे से कब वह सिगरेट.. फिर चरस.. आदि लेने लगा.. पता ही नहीं चला।

वो तो एक दिन उसी संभ्रांत कालोनी के वर्मा जी जो स्वयं एक उच्चधिकारी थे का आगमन हुआ तथा सभ्यतापूर्वक उन्होंने सिंह दम्पति को (चतुराई से झूँठ कह कर)बताया कि मेरा बेटा विनय सही रास्ते नहीं चल रहा है, चूंकि आपके बच्चे का मित्र है, पड़ौसी होने के नाते मेरा फ़र्ज़ है आपको आगाह करुं अपने बेटे को उसकी कुसंगति से बचा लें ? फिर संक्षिप्त में सार कि बात बतला रुख्सत हुए।

चौंककर सिंह दम्पत्ति सब समझ अपने मनोचिकित्सक मित्र से उसी शाम मिले.. बच्चे को परामर्श हेतु कुछ लगातार सुझाव एवं दवाईयों के बावजूद नशामुक्ति केंद्र का भी आश्रय लेना पड़ा ताकि बाद में पुनः कमजोर आत्मविश्वास के या बाँयटे आदि आने जैसी जटिलताओं से बचाया जा सके… योग व्यायाम खान-पान सभी का दम्पत्तिद्वय पूरा ध्यान रख किशौरवय बालक का भविष्य समय रहते ही सुधार पाये।

मनोचिकित्सक ओझा जी ने सिंह साब को बतलाया कि अभिवावकों का बच्चों के लिए सुविधाओं से अधिक समय देना स्नेह एवं अपनत्व के साथ कहनें से अधिक हमारे आचरण का विषेश असर होता है नहीं तो किशोरावस्था में हठी,विरोधी स्वभाव के चलते अतिमहत्वाकांक्षा से बालक राह भटककर अवसाद में आकर नशे का सहारा ले हताशा दूर करने का उपाय खोजने लगता है। वातावरण परिस्थिति सोच शिक्षा आदि व्यक्तिगत विचारधारा का निर्माण करते हैं दृढ़विचारधारा अनुकूलता एवं कमजोर विचारधारा प्रतिकूल प्रभाव ड़ालती है:- एक बालक बड़ा होकर सिर्फ इसलिए शराबी हो जाता है क्योंकि उसका बाप #शराबी था; जबकि दूसरा सिर्फ इसलिए शराब वह अन्य व्यसनों से दूर रहता है कि उसका बाप #शराबी था ?
.इति।
✍ अजय कुमार पारीक ‘अकिंचन’
☛ जयपुर (राजस्थान)

******************************
******************************

Language: Hindi
503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
सच के सिपाही
सच के सिपाही
Shekhar Chandra Mitra
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
Rakesh Panwar
💐प्रेम कौतुक-178💐
💐प्रेम कौतुक-178💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
माता  रानी  का लगा, है सुंदर  दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
Thought
Thought
Jyoti Khari
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
Godambari Negi
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वार्तालाप अगर चांदी है
वार्तालाप अगर चांदी है
Pankaj Sen
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
Ajay Kumar Vimal
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
पूर्वार्थ
कुछ बातें ज़रूरी हैं
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
कहानी ....
कहानी ....
sushil sarna
दुनिया एक मेला है
दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
क्रोधी सदा भूत में जीता
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुस्कान है
मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
खिल जाए अगर कोई फूल चमन मे
shabina. Naaz
Loading...