“”बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं**
सोचता हूं रोज क्या लिखूं किसके लिए लिखूं क्यों लिखूं ?
कलम बोल उठती लिख कुछ लिख किसी के लिए जरूर लिख।
कहना उसका माना, लाया हूं एक और नया तराना।
पढ़ने वाले पाठक बंधु समझे मेरा यह गाना।।
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बीत रहा है पल पल जीवन, कर्म से नाता जोड़ लो।
लक्ष्य बनाओ बढ़ते जाओ, आलस करना छोड़ दो ।
बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं।।
जल्दी जागो त्यागो नींद को, समय से ही सो जाना है।
काम बहुत है जीवन छोटा, जन-जन को बतलाना है।
कर्म प्रधान हो भाव सभी के, लक्ष्य इसी से पाना है।
जाग गए हम आप सभी तो औरों को भी जगाएं ।
बीता लौट ना पाए, नया कुछ करते जाएं ।।
आने वाली नव पीढ़ी भी, पीछे हमारे आएगी ।
राह जैसी हम बना के छोड़े, चलती उसी पे जाएगी ।
सुखद होगा जीवन सबका, मंजिल उन्हें भी मिल पाएगी।
सार यही है मेरे गीत का, घर घर में फैलाएं।
बीता लौट ना पाए ,नया कुछ करते जाएं ।।
** राजेश व्यास अनुनय **