बीच मझधार , पतवार हो जाएँ हम
१.
बीच मझधार , पतवार हो जाएँ हम
डूबतों को बचाएं, गिरतों को उठायें हम
इतनी शक्ति हमें देना दाता
जहां भी जाएँ , तेरी महिमा सुनाएँ हम
२.
कुछ ऐसा कर उस खुदा का
एहसास बरकरार रहे
खिदमत जरूरतमंदों की कर
इंसानियत बरकरार रहे