बिहार बिहार न रहा
आओ यारो आज सुनाये तुम्हें कहानी बिहार की
धन सम्पदा से परिपूरित भारत के एक शान की
अखण्ड भारत की संरचना कभी जहाँ से आरम्भ हुई
हिन्दुस्तान की गौरव गाथा यही से थी प्रारम्भ हुई।
पुण्य भूमि यह बालमीक की अशोक सा सम्राट यहाँ
उसी राज्य का देखो हालत कैसे आज बेहाल हुआ
कभी चारा कभी अलकतरा कोयला श्रृजन का दाग लगा
तक्षशिला के दामन में शिक्षण घोटाले सा आग लगा
चन्द्रगुप्त चाणक्य का कौशल खंडित चकनाचूर हुआ
विकास प्रगति सब छुटा पीछे चोर यहाँ पहरेदार हुआ।
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पं.संजीव शुक्ल “सचिन”