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11 Jan 2017 · 1 min read

बिटिया

बिटिया को खूब पढ़ाया है
जीवन को जीना सिखाया है
उसे कैसे नम आँखे दिखाऊँ
यह सोच के दिल घबराया है
नटखट सी है वो मेरी गुड़िया
फिर से रूठा चेहरा बनाया है
तुझ मे बसती मेरी सारी हंसी
आज उसने ही हमें रुलाया है
विदा कैसे करू में बिटिया को
पलको पर सदा जिसे बिठाया है
_____________अभिषेक शर्मा

1 Comment · 824 Views
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