Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2018 · 1 min read

बिगड़ता अंदाज़

बिगड़ता अंदाज हूँ

माना कि बदलते दौर का बिगड़ता अंदाज हूँ
लेकिन तेरे कदमों से ही तो बढ़ता मैं आज हूँ।

नए दौर की नई बातें, तुमको ही लगती प्यारी
तेरी ही चाह में खुद का बदलता मैं मिज़ाज हूँ।

करता था मैं भी बात संस्कारों की व्यवहारों की
बदल दिया जो संस्कार,उसी का मैं आगाज हूँ।

धर्म-अधर्म की सारी बातें,सबको लगती भारी
नए दौर के लफ्ज़ों से निकला मैं अल्फ़ाज़ हूँ।

लबों की खामोशी को न समझ लेना कमजोरी
ध्यान से तो सुन तेरे ही दिल की मैं आवाज हूँ।

चुप बैठा हूँ जमीं पे तो बुज़दिल न समझ लेना
आसमां से भी ऊंची जो उड़े वही मैं परवाज हूँ।

ये दुनियां ये दौलत, ये हसरत और ये नफऱत
तेरे मन को जो भाये, वही झंकृत मैं साज हूँ।

अपनी बोली अपना जीवन,कब तुझको भाया
तुमने जो शब्द भरे,उन्हें ही देता मैं आवाज हूँ।

हाँ बदल गया मैं भी अब इन मौसमों की तरह
तुम्हारे ही दिल में तो दफ़न हुआ वो मैं राज हूँ।

कहा था तुमने वक्त के साथ बदलना होता है
बदल गया “प्रियम” तो कहते कि मैं नाराज़ हूँ।

©पंकज प्रियम

2 Likes · 1 Comment · 375 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
लौट कर रास्ते भी
लौट कर रास्ते भी
Dr fauzia Naseem shad
ऋण चुकाना है बलिदानों का
ऋण चुकाना है बलिदानों का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
Do you know ??
Do you know ??
Ankita Patel
मैं तो महज एक नाम हूँ
मैं तो महज एक नाम हूँ
VINOD CHAUHAN
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
ऐ!मेरी बेटी
ऐ!मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
अवसरवादी, झूठे, मक्कार, मतलबी, बेईमान और चुगलखोर मित्र से अच
विमला महरिया मौज
■ तमाम लोग...
■ तमाम लोग...
*Author प्रणय प्रभात*
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
रार बढ़े तकरार हो,
रार बढ़े तकरार हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी कि सच्चाई
जिंदगी कि सच्चाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
........,
........,
शेखर सिंह
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
सफर 👣जिंदगी का
सफर 👣जिंदगी का
डॉ० रोहित कौशिक
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रेम
प्रेम
Dr. Shailendra Kumar Gupta
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
शायर देव मेहरानियां
हार कभी मिल जाए तो,
हार कभी मिल जाए तो,
Rashmi Sanjay
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
लक्ष्य एक होता है,
लक्ष्य एक होता है,
नेताम आर सी
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
Loading...