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8 Feb 2018 · 1 min read

बालगीत

चिड़िया रानी आ जाओ…
उमेशचन्द्र सिरसवारी

चिड़िया रानी फिर से मेरे,
तुम आँगन में आ जाओ।
बिखरे हुए हैं दाने धरा पर,
आकर इनको खा जाओ।
सूना है मेरा घर-आँगन,
मन-मोहक मुस्कान लुटा जाओ।
चीं-चीं, गुटर-गूँ गायब हुई है,
खता कौन-सी हमसे हुई है।
या नाराज हुई हो हमसे,
जो रस्ता घर का भूल गई है।
चिड़िया रानी कबूतर, तोता,
मैना को भी बुला लाओ।
जो भरपूर पड़े हैं दाने,
आकर इनको खा जाओ।
चुन्नू-मुन्नू हम सब मिलकर,
तुम सबको खूब खिलायेंगे,
कभी गोदी में, कभी पालना,
तुमको खूब दुलरायेंगे।
नहीं सताएंगे हम तुमको,
तुम सब मेरे घर आ जाओ।।
©
उमेशचन्द्र सिरसवारी
पूर्व शोधार्थी, हिन्दी-विभाग,
अ. मु. वि. अलीगढ़ (उ.प्र.)

एम.ए. हिन्दी, संस्कृत,
नेट जेआरएफ, हिन्दी

दूरभाष- 09720899620

Language: Hindi
1 Like · 516 Views
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