Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2018 · 5 min read

बाल गीतिका (१८ बाल कविताओं का संग्रह )

बाल गीतिका/ त्रिभवन कौल

अनुक्रमणिका

१. नन्हा चूहा भागा दौड़ा
२ छोटा टौमी दुम हिलाए
३ पिंजरे का तोता
४ नानी अम्मा लाइन में खड़ी
५ बिल्ली मौसी
६ मेमने मेमने किधर जाते हो
७ योना मेरी सुंदर सलोनी
८ बन्दर मिंया दूल्हा बन कर
९ मम्मी मम्मी हाथी आया
१० नभ में अहा चमकता चंदा
११ चन्दा मामा चन्दा मामा
१२ रेल की पटरी
१३ योना सिया दो बहने
१४ पर्वत में से झरना
१५ मुर्गी ने दिया अंडा
१६ चुह्या निकली बिल से
१७ मैं मैं मैं बोली बकरी
१८ मछली रानी मछली रानी

प्रस्तावना

बच्चा माँ की गोदी से उतर कर माँ-पापा का उच्चारण करता है, पग पग चलना सीखता है तो वह अपने आप को सर्वथा भिन्न
संसार में पाता है. कोतूहल, विश्वास, अविश्वास के उस वातावरण में बच्चा जो कुछ भी देखता हैं, सुनता है, अनुभव करता है
, वह उसके अनुरूप ही अपने आप को ढालने की चेष्टा करता है. ऐसे समय माँ की गाई लोरियां, दादा-दादी, नाना-नानी की सुनाई
कहानिया, गीत व् नर्सरी शिक्षा केन्द्रों में गाये जाने वाले बाल गीत बच्चो के मानसिक एवं बोधिक विकास को एक नई दिशा प्रदान
करते हैं. प्रस्तुत पुस्तिका ‘ बाल गीतिका’ इसी दिशा में एक प्रयास है.
प्राय: छोटे छोटे बच्चों का शब्दकोष बहुत कम होता है. पर वह नए, सरल, सुलभ, शब्द सीखने समझने की क्षमता भरपूर रखते हैं.
बच्चे अभिभावकों, शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं की सहायता से गीतों की सरल, सुलभ, आम बोल चाल की भाषा को कंठस्थ करे,
गीतों के माध्यम से आस पास के जानवरों को जान सकें, अपने आस पास के वातावरण एवं रिश्तों को पहचान सकें, यही
इस पुस्तक का उद्देश्य है. इन बाल गीतों के माध्यम द्वारा मनं. मस्तिष्क, आँखों व् हनथो का ताल मेल बच्चों को एक नयी पहचान
देगा ,येही इस पुस्तिका से मेरी आशा है.

त्रिभुवन कौल
इ-मेल
kaultribhawan@yahoo.co.in
kaultribhawan@gmail.com
(M) 9871190256
======================================================================

नन्हा चूहा भागा दौड़ा

नन्हा चूहा भागा दौड़ा
जैसे दौड़े रेस का घोडा
मौसी ने तब
पीछा छोड़ा
बिल का रास्ता जब रह गया थोडा.
—————–x———————–

छोटा टामी दुम हिलाए

छोटा टामी दुम हिलाए
योना देख देख मुस्काए
दूध पी जाये लप लप लप
खाना खाए गप गप गप.
—————x————————–

पिंजरे का तोता

पिंजरे का तोता
मिर्ची खाता
मिर्ची खा कर
खूब हँसाता
जैतीश जब भी
मिर्ची खाए
ऊँ ऊँ ऊँ
कर, रोये चिल्लाये
—————-x———————–

नानी अम्मा लाइन में खड़ी

नानी अम्मा लाइन में खड़ी
खड़ी खड़ी थक गयी
थक कर नीचे बैठ गयी
बैठे बैठे ऊँघ गयी
उंघते उंघते सो गयी
सोते सोते जाग गयी
नानी की बस निकल गयी.
————–x——————

बिल्ली मौसी

बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी
नहा कर धोकर
निकली घर से
छाता लेकर
टौमी ने तब छींक दिया
बिल्ली मौसी को टोक दिया
बिल्ली मौसी गुर्रायी
मुंह लटका
घर वापस आई.
————x—————–

मेमने मेमने किधर जाते हो

मेमने मेमने
किधर जाते हो ?
हम जाते हैं स्कूल
मेमने मेमने
बस्ता किधर है ?
वह तो गए हम भूल
फिर पढ़ोगे कैसे ?
अ आ इ ई
ऐसे.
—————-x———————-

योना मेरी सुंदर सलोनी

योना मेरी सुंदर सलोनी
लम्बे लम्बे बाल
प्यारे प्यारे हाथों में
सोचे रख के गाल.
एक दो तीन
सिया ने बजाई बीन
योना छुम छुम नाचे
धीन तक धीन तक धीन.
————x——————–

बन्दर मिंया दूल्हा बन कर

बन्दर मिंया
दूल्हा बन कर
सूअर पर जा बैठे
बैठे बैठे सूअर के
कान जो उसने ऐंठे
सूअर को गुस्सा आया
कीचड में लोट लगाया
दुल्हे मिंया के कपडे ख़राब
बंदर रोने लगा जनाब.
————–x————————–

मम्मी मम्मी हाथी आया

मम्मी मम्मी हाथी आया
हाथी आया,हाथी आया
काला मोटा हाथी आया
घंटी बजता हाथी आया.
बच्चे बाहर भागे आये
हाथी जोर से दूम हिलाए
हाथी ने फिर सूंड उठाई
बच्चों ने फिर आवाज़ लगाई
नमस्ते, नमस्ते हाथी भाई.
—————x———————

नभ में अहा चमकता चन्दा

नभ में अहा चमकता चन्दा
सब तारों का राजा चन्दा
देखो सिया चन्दा आया
रात्रि आई चन्दा आया
मीठी मीठी निद्रा लाया
आओ मिल कर सोयें हम सब
चन्दा परियों के सपने लाया
चन्दा आया, चन्दा आया.
—————-x—————————

चन्दा मामा चन्दा मामा

चन्दा मामा चन्दा मामा
पास हमारे आओ
नभ पर तारों के तुम राजा
हमको कहानी सुनाओ.
नहीं आना तो मैं आजाऊं
बन कर पक्षी, उड़ कर आऊं
तेरे घर पर तुझ से पूंछू
भारत का झंडा किधर लगाऊं
चन्दा मामा चन्दा मामा
जल्दी आजा चन्दा मामा
—————x——————

रेल की पटरी

रेल की पटरी
पटरी पर इंजन
इंजन के पीछे
रेल का डब्बा
डब्बे में बैठा
भालू- कौवा
भालू ने सर हिलाया
कौए ने झंडा दिखाया
इंजन ने सीटी मारी
रेल चली छुक छुक छुक
रह गयी कोयल बेचारी.
——————x——————————–

योना सिया दो बहने

योना सिया दो बहने
सुंदर सुंदर कपडे पहने
चली देखने मेला
खा कर एक एक केला.
छिलका फैंका
बंदर फिसला
फिसला बंदर
गिरा धडाम
चोट लगी जो बंदर को
योना सिया ने पकडे कान
कान पकड़ कर बोले दोनों
अब न करेंगे ऐसा काम.
—————x————–

पर्वत में से झरना

पर्वत में से झरना
झरनों से नदियाँ
नदियों से नहरें
नहर में किश्ती
किश्ती को खेती
छोटी गिलहरियाँ
गिलहरियों ने बोला झूठ
किश्ती गयी डूब
गिलहरियों ने बोला सच
गिलहरियाँ गयी बच .
——————–x————————–

मुर्गी ने दिया अंडा

मुर्गी ने दिया अंडा
अंडे से निकला चूज़ा
चूज़े ने दौड़ लगायी
चूज़े की शामत आई
चूज़े के पीछे बिल्ली
बिल्ली के पीछे कुत्ता
चूज़ा कांपा थर थर थर
लगा बिल्ली को कुत्ते से डर
चूज़ा चीखा,” बिल्ली कुत्ता”
बिल्ली कुत्ता गुथ्थम गुथ्था
चूज़ा बीच से भागा
सीधे घर को साधा
————– x———————–

चुहिया निकली बिल से

चुहिया निकली बिल से
बिल्ली आई झट से
चुहिया भागी अंदर
बिल्ली रह गई बाहर
चुहिया बोली,” बिल्ली मौसी
कहो कहाँ से आई ?”
बिल्ली बोली, “बिटिया रानी
तीर्थ करके मैं आई
बाहर आओ तुम्हे न खाऊं
जो खाऊं पापी बन जाऊं.”
चुहिया निकली बिल से
मौसी ने पकड़ा झट से
चुहिया चीखी,” छोड़ मुझे”
बिल्ली बोली,” खाऊं तुझे.”
————– x——————–

मैं मैं मैं बोली बकरी
म्याऊं म्याऊं म्याऊं
मिमयाई बिल्ली
भां भां भां
रम्भाई गैया
कू कू कू
गाये कोयलिया
भों भों भों
भोंका कुत्ता
हिन् हिन् हिन्
दौड़ा घोडा
गधा भी चीखा
डैन्चू डैन्चू
बंदर ने नक़ल की
खेंचू खेंचू
शेर ने फिर दहाड़ लगायी
एक हैं हम सब भाई भाई
हम सब का है एक ही नारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा
——-x——–x——-x

मछली रानी मछली रानी

मछली रानी मछली रानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
पानी के अंदर तू रहती
सर्दी गर्मी सब कुछ तू सहती
उछल उछल कर बाहर आती
तब तू ऑक्सीजन को पाती
रंग बिरंगी लगती प्यारी
मछली रानी मछली रानी.

छोटी छोटी ऑंखें तेरी
छोटे छोटे पंख
कितने सुंदर कितने प्यारे
तेरे रंग बिरंगे अंग
दाना चारा पल में खाती
कीड़ों पर भी तू निर्वाह करती
बड़ी मनोहर बड़ी सयानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
मछली रानी मछली रानी
$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$
सर्वाधिकार सूचना
मेरे दवारा लिखे ,प्रेषित एवं प्रकाशित विचार, लेख, कवितायेँ, कहानियां इत्यादि के सर्वाधिकार लेखक यानी की मेरे पास सुरक्षित हैं. मेरी पूर्व अनुमति के बिना इस प्रकाशन के किसी भी भाग को छापना तथा इलेक्ट्रॉनिकी, मशीनी, फोटो प्रतिलिपि, रिकॉर्डिंग अथवा किसी अन्य विधि से प्रयोग, पाठ एवं प्रसारण वर्जित है I त्रिभवन कौल
———————————————-
सर्वाधिकार सुरक्षित / त्रिभवन कौल
———————————–

1 Like · 706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
एक फूल खिला आगंन में
एक फूल खिला आगंन में
shabina. Naaz
" लिहाज "
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
अनगढ आवारा पत्थर
अनगढ आवारा पत्थर
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
♤ ⛳ मातृभाषा हिन्दी हो ⛳ ♤
Surya Barman
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
Ravi Prakash
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
“जगत जननी: नारी”
“जगत जननी: नारी”
Swara Kumari arya
उधार वो किसी का रखते नहीं,
उधार वो किसी का रखते नहीं,
Vishal babu (vishu)
2770. *पूर्णिका*
2770. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Jo mila  nahi  wo  bhi  theek  hai.., jo  hai  mil  gaya   w
Jo mila nahi wo bhi theek hai.., jo hai mil gaya w
Rekha Rajput
लहू जिगर से बहा फिर
लहू जिगर से बहा फिर
Shivkumar Bilagrami
रूह का भी निखार है
रूह का भी निखार है
Dr fauzia Naseem shad
कविता तुम क्या हो?
कविता तुम क्या हो?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
अमित मिश्र
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
हुईं वो ग़ैर
हुईं वो ग़ैर
Shekhar Chandra Mitra
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
चलता ही रहा
चलता ही रहा
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव
अनुभव
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
लग जाए वो
लग जाए वो "दवा"
*Author प्रणय प्रभात*
सुभाष चन्द्र बोस
सुभाष चन्द्र बोस
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...