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2 Feb 2019 · 1 min read

बाल कविता : बधाई

बस्ते में है कलम और कम्पास
मन में खूब उमंग और विश्वास
परीक्षा का भी नही है उसे भय
सुमन चली पड़ी अपने स्कूल ।

पढ़ने में उसे है खूब लगन
पढ़ती किताबे होके मगन
प्रश्नपत्र उसको लगते सरल
उसने सब करे प्रश्नों को हल ।

पेपर भी बन गए सभी ठीक
लिखे उत्तर उसने सही-सटीक
लेखन है वाह कितना सुंदर
लगते मोती जैसे हो अक्षर।

आया परीक्षा का जब परिणाम
सबसे पहले आया उसका नाम
वो भी सबसे ज्यादा नम्बर पाई
उसे मिलकर देते सभी बधाई ।

✍️आकिब जावेद

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