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5 Jul 2017 · 1 min read

बारिश तुम्हें आना होगा

सूखती जा रही हैं
उम्मीदें
सूखती जा रही हैं
फसलें
सूखती जा रही हैं
कोपलें
सूखता जा रहा है
मन
सूखते जा रहे हैं
भरोसे
सूखते जा रहे हैं
रास्ते, गांव
सूखते जा रहे हैं
बच्चों के चेहरे
सूखते जा रहे हैं
बुलबुले पिछली बारिश के
सूखते जा रहे हैं
कुएं और उसके कंठ
…तुम्हें आना ही होगा बारिश
इन सभी को अहसास दिलाने
बारिश सच में होती है।

संदीप कुमार शर्मा

Language: Hindi
213 Views
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