Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

बारिश के पर्यावरणीय दोहे

बरसो बरखा झूम के, अगन जलन कर दूर।
हरीभरी धरती करो, फसल करो भरपूर।1।

घुमड़ घुमड़ कर कह रही, बादल की बौछार।
आने को तैयार है, सावन का त्यौहार।2।

आई है बरसात तो, खूब लगावो पेड़।
गर्मी का उपचार हो, हरीभरी कर मेड़।3।

बारिश के कारण मिली, बच्चों को अवकाश।
भींग भींग कर कर रहे, बारिश का अहसास।4।

रिमझिम रिमझिम हो रही, सावन सी बरसात।
नाचें मन की मोरनी, झूम झूम दिन रात।5।

यूँ बरसो बरसात जूं, मानवता की थाल।
जन धन की रक्षा करो, नहीं काल का गाल।6।

सदा सहायक ही रही, हरती नित संताप।
मानव स्वारथ ही वजह, धरती करे विलाप।7।

समय संभलने का अभी, पेड़ लगाओ खूब।
बाढ़ों से रक्षा तभी, वरना जाओ डूब।8।

पेड़ लगालो पेड़ ही, धरती का भगवान।
पानी बहने से रुके, करता वही निदान।9।

अभी समय सोओ नहीं, रखो कुदाली हाथ।
रोपण पौधों का करो, हिलमिलकर सब साथ ।10।

अभी लगालो पौध तुम, समय बड़ा अनुकूल।
वक्त मिलेगा फिर नहीं, दिन आये प्रतिकूल।11।

कुंआ तुम खोदो नहीं, जब घर भर में आग।
पेड़ लगा लो आज अभी, फिर सुधरेंगे भाग।12।

-साहेबलाल ‘सरल’

Language: Hindi
1 Like · 546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गले लगा लेना
गले लगा लेना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रेम अटूट है
प्रेम अटूट है
Dr. Kishan tandon kranti
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
* याद है *
* याद है *
surenderpal vaidya
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
ना जाने क्यों आज वक्त ने हालात बदल
ना जाने क्यों आज वक्त ने हालात बदल
Vishal babu (vishu)
दर्द पर लिखे अशआर
दर्द पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
एक फूल
एक फूल
Anil "Aadarsh"
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Sometimes you shut up not
Sometimes you shut up not
Vandana maurya
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
दीवारें खड़ी करना तो इस जहां में आसान है
Charu Mitra
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
प्रेम मे धोखा।
प्रेम मे धोखा।
Acharya Rama Nand Mandal
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ईर्ष्या, द्वेष और तृष्णा
ईर्ष्या, द्वेष और तृष्णा
ओंकार मिश्र
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उम्मीद -ए- दिल
उम्मीद -ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
लिखे क्या हुजूर, तारीफ में हम
gurudeenverma198
Loading...