Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2019 · 2 min read

“बारिश की पहली बूँद”

“माँ! तुम भी न, जब देखो तब डाँटती रहती हो” स्नेहा पैर पटकते हुये अपने कमरे में चली गयी। वैदेही यह देखकर अचम्भित हो उठी।आखिर उसने ऐसा क्या कह दिया जो उसकी बेटी स्नेहा इस तरह प्रतिक्रिया दे रही है।बस इतना ही तो कहा कि “तुम अभी छोटी हो ।अकेले मित्रों के साथ घूमने जाना ठीक नहीं है।” ऐसा नहीं कि ऐसा पहली बार हुआ किन्तु स्नेहा का विरोध – स्वर पहले से मुखर था। वैदेही अपनी पूरी बात समझा भी नहीं पायी थी कि स्नेहा नाराज हो गयी। माँ के लिये अपनी 13 वर्षीय बेटी स्नेहा को समझाना इतना कठिन होगा ऐसा वैदेही ने कभी सोचा भी नहीं था।
स्नेहा घर की अकेली संतान होने के कारण बहुत लाड़ में पली थी। पिता देव एक साधारण सी प्राइवेट नौकरी में होते हुये भी घर की सभी जरूरतों को बखूबी पूरा करते। और वैदेही बड़े प्यार से अपने घर को सवाँरने में अथक परिश्रम करती। किन्तु आज की घटना ने वैदेही को विचलित कर दिया और वह देव से बात करने को मजबूर हो गयी। आँफिस से आते ही वैदेही ने देव से बात की। थका हुआ होने के बावजूद देव ने पूरी बात बहुत ध्यान से सुनी और मुस्कुराने लगे। वैदेही की चिन्ता को समझते हुये बड़े प्यार से हाथ में हाथ लेकर बोले ” ये समय का परिवर्तन है, मौसम बदल रहा है। तुम जिम्मेदार और परिपक्व हो रही हो। तुम युवा से प्रौढ़ और स्नेहा बच्ची से किशोर। ये सब कुछ शरीर और मन का बदलाव ही नही बल्कि पूरी की पूरी पीढ़ी का बदलाव है।खुद को समझने के साथ -साथ स्नेहा की पीढ़ी को समझने की कोशिश करो। सब कुछ आसान हो जायेगा। अपने परवरिश पर विश्वास करना सीखो। ये बारिश की पहली बूँद है। इसकी सोंधी सी सुगंध को अपने आँचल में समेट लो। स्नेहा बिलकुल तुम्हारी तरह है , तुम्हारा प्रतिबिंब है।उसका हाथ थामों और पूरी बारिश में भिगो दो। उसे अपने पंखों से उड़ने दो और आसमान चूमने दो।” वैदेही बड़े ही विस्मय से देव को देखती रही और उसके स्नेह भरे बारिश की बूदों की सोंधी- सोंधी खुशबू में डूब गयी।
©डा·निधि…

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घमंड
घमंड
Ranjeet kumar patre
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
प्रणय 10
प्रणय 10
Ankita Patel
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ Rãthí
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
बड़ी मोहब्बतों से संवारा था हमने उन्हें जो पराए हुए है।
Taj Mohammad
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
*अभी भी शादियों में खर्च, सबकी प्राथमिकता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Exploring the Vast Dimensions of the Universe
Exploring the Vast Dimensions of the Universe
Shyam Sundar Subramanian
महंगाई के इस दौर में भी
महंगाई के इस दौर में भी
Kailash singh
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
"काली सोच, काले कृत्य,
*Author प्रणय प्रभात*
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
राष्ट्र निर्माण को जीवन का उद्देश्य बनाया था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
जैसे ये घर महकाया है वैसे वो आँगन महकाना
Dr Archana Gupta
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
किराये की कोख
किराये की कोख
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज है...
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज है...
कवि दीपक बवेजा
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-443💐
💐प्रेम कौतुक-443💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संध्या वंदन कीजिए,
संध्या वंदन कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" दम घुटते तरुवर "
Dr Meenu Poonia
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
वेद प्रताप वैदिक को शब्द श्रद्धांजलि
Dr Manju Saini
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
Loading...