बारिश की अदभुद कहानी
बारिश की अदभुद अलौकिक कहानी
जहाँ पानी के ऊपर गिरता है पानी
ना समुंदर ना कुँआ ना नदी ना झरने
फिर भी आसमान से बरसता पानी है ।
जिन्हें कहते बादल वो उड़ता है पानी
आसमान का नही जमीन का है पानी
भर जाते नदी नाले जब गिरता है पानी
फिर भी आसमान में नही मिलता है पानी ।
क्या कभी ऊपर जाते देखा है पानी
क्या कभी बादलों से फैलते देखा है पानी
तैरती है मछलियां नदी,सागरों में
मेघों में केवल तैरता पानी है ।।
ये मोहब्बत की बड़ी दास्तान है
प्यासा गगन है प्यासी जमीन है
जलते है मेघ कड़कती है बिजली
प्यास बुझाती है धरती प्यासा रहता गगन है।