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29 May 2021 · 1 min read

‘ बारिश का मज़ा ‘

चम – चम चपला
घन – घन बदरा
जैसे बाजे तबला ,

छप – छप छपाक
तप – तप तपाक
बारिश आई बेबाक ,

थर – थर थर्राये
टर्र – टर्र टर्राये
मानुस मेढ़क भर्राये ,

टप – टप ओले
सन – सन शोले
बम जैसे गोले ,

छन – छन छनाई
खल – खल खौलाई
पकौड़ी चाय पकाई ,

गुन – गुन गाना
सुन – सुन सुनाना
बारिश का मज़ा दुगना ।

स्वरचित , मौलिक एवं अप्रसारित
( ममता सिंह देवा , 29/05/2021 )

2 Likes · 6 Comments · 483 Views
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