“बारिश का मोसम”
बारिश का मोसम आया,
खेत खलीयान लहराने लगे.
सरसो के पिले फुल खिले,
पन्छीयो के दिल मीले…
बारीश मे नाचते मोर,
चारो और करते है शोर.
डाली पे फूल मुस्काने लगे,
चारो और खुशबू फैलाने लगे…
कोयल अपना गीत सुनाए,
कलीयो मे भी निखार आए.
एक नही कीतने हि अनेक रंग,
देखणे वाले रहगए दंग…
लो आ गया फ़िर से,
हन्सी का मोसम.
पेडो पे पक्षीयो की,
लग गई है जमाजम…