Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2021 · 3 min read

बाबू की बाबूगिरी – व्यंग्य

बाबू की बाबूगिरी

बाबू शब्द सुनते ही हमारे जेहन में एक तस्वीर उभरती है | आँखों पर चढ़ा चश्मा इसमें से प्रश्नवाचक चिन्ह के साथ झांकती दो आंखें | इन आँखों के सामने आने से पहले हे हमारे मन में उथल पुथल सी चल रही होती है | बिल किस तरह से पूरा का पूरा पास हो जाए यह फ़िक्र हमेशा बनी रहती है | चूंकि हम आप सभी जानते हैं कि बाबू के पास एक घातक हथियार हमेशा तैयार रहता है जिसे हम लाल पेन कहते हैं | एक बार बाबू का लाल पेन चला कि फिर कोई भी सख्शियत उसके खिलाफ नहीं जा सकती |
पेन से ही नहीं बाबू अंतर्मन से भी एक चिड़चिड़ी सख्शियत होता है | बिल पास करते समय उसके अंतर्मन में एक हे विचार आता है कि ये राशि उसके ही जेब से दूसरे की जेब में ट्रान्सफर हो रही है |
मेडिकल बिल हो , टी ऐ बिल हो , चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस बिल आया फिर कोई और क्लेम बिल | बाबू के पास बिल पास करने का तरीका हमेशा एक ही होता है | मेडिकल बिल हो तो यह देखा जाता है कि दवाइयों के रेपर प्रस्तुत किये गए या नहीं या फिर सरसरी निगाहों से यह जानने का प्रयास किया जाता है कि ये बिल वाकई सच की तस्वीर है या झूठ का पुलिंदा |
टी ऐ बिल में काटछांट करना बाबू के लिए बेहद आसान काम है चालीस रुपये के ऑटो को बीस करना बाबू को अच्छी तरह से आता है | बाबू यह बखूबी जानता है कि एक शिक्षक एक दिन में एक सौ पचास रुपये खर्च नहीं कर सकता सो बिल प्रस्तुत किया या नहीं इस ओर उसका अटेंशन और भी बढ़ जाता है |
बाबू की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता जब वह चिल्ड्रेन अलाउंस का बिल अपने हाथ में ले लेता है यह वह बिल है जहां पग – पग पर हर लाइन में लाल में चलाने का बाबू को पूरा – पूरा हक़ होता है | बाबू के मन में आपके लिए जितने खुंदक भरी है यह इस बात से पता चलता है कि आपकी बिल में भरी वास्तविक राशि व डे राशि में कितना अंतर आ गया है बाबू तो शायद ये मानकर ही चलता है कि जो भी राशि वो पास करता है शायद उसके अपने खाजाने से ही जा रही है |
ये तो बात हुई बाबू की बाबूगिरी की | अब जानिये बाबू को प्रसान्न करने के कुछ घरेलू आजमाए हुए नुस्खे | ये नुस्खे आपको शत प्रतिशत गारंटी देते हैं कि आप इन्हें अवश्य आजमाइए और बाबू की बाबूगिरी से मुक्ति पाइए | नुस्खे हैं बहुत हे आसान और कारगर | इन नुस्खों को आजमाने से पहले प्लानिंग करना अतिआवश्यक है कि बिल की राशि कितनी है जिसे पास करवाना है और साथ ही समय की उपलब्धता जिससे एक बाबू के कारण आपकी निजी व पारिवारिक जिन्दगी डिस्टर्ब ना हो | इसके बाद आप उन अवसरों की सूची बनाइये जिसके आधार पर आप समय – समय पर बाबू को प्रसन्न करने या तो उसके घर गिफ्ट के साथ जा सकें या फिर उसे अपने घर पर आमंत्रित कर सकें | मुख्यतया ये अवसर जन्मदिन, एनिवर्सरी या फिर कोई सामाजिक त्यौहार हो सकता है बाबू को प्रसन्न करने के लिए बाबू की पत्नी और बच्चों के लिए गिफ्ट समय – समय पर पेश करते रहें| पर एक बात हमेशा ध्यान में रखें हफ्ते – पंद्रह दिन की आड़ में कार्यालय आवर्स में बाबू को चाय का आचमन अवश्य कराते रहें इससे बाबूदेव हमेशा प्रसन्न रहेंगे और आपकी जिन्दगी पर बाबू की बाबूगिरी का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा और आप इस बाबू के बाबूग्रहण से हमेशा के लिए बचे रहेंगे |
नुस्खे जरूर आजमाइएगा | बेस्ट ऑफ़ लक |

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 4 Comments · 424 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
"ये दुनिया बाजार है"
Dr. Kishan tandon kranti
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
AMRESH KUMAR VERMA
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
Vicky Purohit
💐Prodigy Love-36💐
💐Prodigy Love-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
Kirti Aphale
तुम ही तो हो
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
मैं और तुम-कविता
मैं और तुम-कविता
Shyam Pandey
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
Dr.Pratibha Prakash
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
कोना मेरे नाम का
कोना मेरे नाम का
Dr.Priya Soni Khare
■ संडे इज द फन-डे
■ संडे इज द फन-डे
*Author प्रणय प्रभात*
कहीं साथी हमें पथ में
कहीं साथी हमें पथ में
surenderpal vaidya
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
रे ज़िन्दगी
रे ज़िन्दगी
Jitendra Chhonkar
மறுபிறவியின் உண்மை
மறுபிறவியின் உண்மை
Shyam Sundar Subramanian
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज़ाद जयंती
आज़ाद जयंती
Satish Srijan
Loading...