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2 Oct 2019 · 1 min read

बापू तुम अमर हो गए।

अहिंसा की लाठी चलाकर तुम अंग्रेजों पर जैसे कहर हो गए
मैं हैरान हूँ ये सोचकर, बिन पीये अमृत, बापू तुम अमर हो गए

जब भारत का स्वर्णिम इतिहास लिखाया था
तब तुम ने अपना हंसकर सर्वस्व लुटाया थ
अंग्रेजों की आत्मा को अंदर तक हिलाया था
भारत को स्वाभिमान से उठकर जीना सिखाया था
तुम्हारे अनशन की शक्ति से ब्रिटेन भी थर्राया था

सत्याग्रह की आवाज बनकर तुम सारे भारत में मुखर हो गए
मैं हैरान हूँ…………………………………………….

काल जिसे मार न सके वो कदम आप ने उठाया था
हाड़-मांस के मानव ने महामानव का रुप पाया था
आजादी के पवित्र यज्ञ में स्वयं की आहुति कराया था
साधक बनकर लड़ना है यह भारत को समझाया था
करो या मरो से भरी भावना को सर्वत्र बहाया था
भारत के निर्माण में अपना सारा जीवन ही लगाया था

मरकर कैसे जीते हैं इस बात के तुम ही सच्चे अग्रसर हो गए
मैं हैरान हूँ…………………………………………………

लाठी से चलने वाले ने कभी भी लाठी नहीं दिखाया था
देखो छोटे कद से कैसे अपना कद इतना बढ़ाया था
मानव से मानव का प्रेम अमर है सबको यही पढ़ाया था
भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजों को भारत छुड़ाया था
अपने सीने पर नाथू की गोली को भी जिसने खाया था
इस भूमि ने राजघाट में अपने लाल को फिर सुलाया था

गांधी तुम नोट पर आकर पुनर्जन्म के प्रबल पक्षधर हो गए
मैं हैरान हूँ…………………………………………………

पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन की अलख
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.

Language: Hindi
1 Like · 278 Views
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