Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2021 · 1 min read

बादल गरजते है

****** बादल गरजते हैं *******

***************************
अंबर में काले बादल गरजते हैं
बूँदों के रूप में खूब बरसते हैं

सागर उफान पर भी शान्त रहता है
चातक बूँद बूँद को तरसते हैं

आशक्त प्यार में दर दर भटकता है
राही राहों पर जैसे भटकते हैं

खिलते फूल बागों में तरह तरह के
भंँवरें सुमन पर आ कर टपकते हैं

दीवानों का हाल दीवाने समझे
दिन जुदाई के मुश्किल से कटते हैं

मनसीरत बयां कैसे करे अरमान
ख्वाबों के कभी पंख नहीं लगते हैं
**************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
(19)
(19)
Dr fauzia Naseem shad
Global climatic change and it's impact on Human life
Global climatic change and it's impact on Human life
Shyam Sundar Subramanian
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
Dr. Kishan Karigar
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
शक्ति राव मणि
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
कहानी :#सम्मान
कहानी :#सम्मान
Usha Sharma
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
कवि दीपक बवेजा
"आखिरी निशानी"
Dr. Kishan tandon kranti
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
लम्हा भर है जिंदगी
लम्हा भर है जिंदगी
Dr. Sunita Singh
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
किसको सुनाऊँ
किसको सुनाऊँ
surenderpal vaidya
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
मंजिल कठिन ॲंधेरा, दीपक जलाए रखना।
सत्य कुमार प्रेमी
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
लोग जाम पीना सीखते हैं
लोग जाम पीना सीखते हैं
Satish Srijan
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
मां का हृदय
मां का हृदय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
प्रेम
प्रेम
Ranjana Verma
एक साँझ
एक साँझ
Dr.Pratibha Prakash
दिवाली
दिवाली
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...