Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2019 · 1 min read

बात में दम

करो विरोध
हर उस
बात का
जो नहीँ है
पसंद
चलो मत
गलत राह पर

सिद्धान्तविहिन
अनुकरण
गिरा देता
चरित्र से

हो सही तरीका
विरोध का
लाओ अपनी
बात में दम
जो करते
ऊलजलूल विरोध
नहीँ रहता
समाज में
उनका मान

माता पिता
दिखाते सही राह
मत करो
उनका विरोध
होते जो उदंड
जीवन में
भटकते रहते
उम्र भर

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*
* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*
Ravi Prakash
हम यहाँ  इतने दूर हैं  मिलन कभी होता नहीं !
हम यहाँ इतने दूर हैं मिलन कभी होता नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
तुम ने हम को जितने  भी  गम दिये।
तुम ने हम को जितने भी गम दिये।
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
2767. *पूर्णिका*
2767. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिश्रम
परिश्रम
ओंकार मिश्र
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
शिकायत है हमें लेकिन शिकायत कर नहीं सकते।
Neelam Sharma
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
महादेव का भक्त हूँ
महादेव का भक्त हूँ
लक्ष्मी सिंह
ऐ नौजवानों!
ऐ नौजवानों!
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-429💐
💐प्रेम कौतुक-429💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
" बीता समय कहां से लाऊं "
Chunnu Lal Gupta
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
अपनी गजब कहानी....
अपनी गजब कहानी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
तुम लौट आओ ना
तुम लौट आओ ना
Anju ( Ojhal )
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
आओ मिलकर हंसी खुशी संग जीवन शुरुआत करे
कृष्णकांत गुर्जर
"बे-दर्द"
Dr. Kishan tandon kranti
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
इलेक्शन ड्यूटी का हौव्वा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...