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21 Aug 2021 · 1 min read

बहो

ये वक्त की मार है दोस्त सह सको तो सहो।
कुछ कर सको तो करो ,मगर कुछ भी न
कहो।
तुम्हारे दिन न रहेंगे हमेशा इसी दिन की तरह,
वक्त एक तेज धार है ,इसी के साथ बह सको
तो बहो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: शेर
460 Views
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