बहो
ये वक्त की मार है दोस्त सह सको तो सहो।
कुछ कर सको तो करो ,मगर कुछ भी न
कहो।
तुम्हारे दिन न रहेंगे हमेशा इसी दिन की तरह,
वक्त एक तेज धार है ,इसी के साथ बह सको
तो बहो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये वक्त की मार है दोस्त सह सको तो सहो।
कुछ कर सको तो करो ,मगर कुछ भी न
कहो।
तुम्हारे दिन न रहेंगे हमेशा इसी दिन की तरह,
वक्त एक तेज धार है ,इसी के साथ बह सको
तो बहो।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी