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1 Sep 2017 · 1 min read

बहोत दिनों बाद आये हो,….

(49)
बहोत दिनों बाद आये हो,
जैसे क़त्ल का सारा सामान लाये हो,
कैसे ना डूबे इन नशीली आँखों में
तुम तो महफ़िल में महकता जाम लाये हो।
(अवनीश कुमार )

फिर वही दिलदारी,
फिर वही मोहब्बत,
फिर वही तुमसे दुरी
फिर वही मेरी लाचारी,

Language: Hindi
198 Views
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