Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2021 · 1 min read

बहुत उनको निहारा (गीतिका)

* बहुत उनको निहारा *
~~
जहां जब भी मिले हमने बहुत उनको निहारा।
बहुत सुन्दर लगी छवि प्रिय जिसे मन में उतारा।

सिसकती जिन्दगी है मुश्किलों के बीच बढ़ती।
जिएंगे किस तरह से यह नहीं हमने विचारा।

हुआ मजबूर जब जीवन अकेले ही चले हैं।
नहीं वो पास आए जब कभी हमने पुकारा।

बहुत डूबे हमेशा खूबसूरत से नयन में।
हकीकत है यही लेकिन बहुत है सिंधु खारा।

उड़ेंगे कल्पनाओं में जहां तक सोच होगी।
पड़ा है सामने सुन्दर खुला आकाश सारा।

कभी जब साथ फूलों के मिलेंगे शूल पथ में।
रहेगा संग यादों में मधुर हर पल गुजारा।

नहीं रुकना कठिन हो राह आगे हम बढ़ेंगे।
बहे विपरीत धारा के उसे मिलता किनारा।
~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १७/०९/२०२१

2 Likes · 455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
घर पर घर
घर पर घर
Surinder blackpen
डॉक्टर
डॉक्टर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
दोहा-*
दोहा-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ज़िंदगी तो ज़िंदगी
ज़िंदगी तो ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
धर्मग्रंथों की समीक्षा
धर्मग्रंथों की समीक्षा
Shekhar Chandra Mitra
कैसी है ये जिंदगी
कैसी है ये जिंदगी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Rap song 【4】 - पटना तुम घुमाया
Nishant prakhar
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/233. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
प्रेम
प्रेम
पंकज कुमार कर्ण
एक बार बोल क्यों नहीं
एक बार बोल क्यों नहीं
goutam shaw
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
Paras Nath Jha
वृक्ष बन जाओगे
वृक्ष बन जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बचपन की यादें
बचपन की यादें
प्रीतम श्रावस्तवी
** बहुत दूर **
** बहुत दूर **
surenderpal vaidya
*पहचानो अपना हुनर, अपनी प्रतिभा खास (कुंडलिया)*
*पहचानो अपना हुनर, अपनी प्रतिभा खास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#एकअबोधबालक
#एकअबोधबालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब भी आया,बे- मौसम आया
जब भी आया,बे- मौसम आया
मनोज कुमार
@The electant mother
@The electant mother
Ms.Ankit Halke jha
"नहीं देखने हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
कवि दीपक बवेजा
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
Loading...