Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2017 · 1 min read

बसंत पर दोहा एकादश

बसंत पर देखिए हमारा प्रयास….

दोहे-एकादश

शरद विदाई शुभ घड़ी,
ऋतु बसंत महकाय।
सुरभित सुमन सुवास नभ,
सुरमय कंठ सुहाय।।

रँग बसंती चूनरी,
देख सखी मुस्काय।
करधन नथ बेंदी सजी,
सजन हिये बस जाय।।

होली खेलन की घड़ी,
मन मे उठी तरंग।
अंग अंग पुलकित भए,
होली के सब.रंग।।

आम्र बोर की गंध से,
कोयल का सुरनाद।
वनचर मस्ती मे दिखें,
बछड़े बैठे माद।।

देखो फूल पलाश के,
फूल रहे चहुँओर।
धरा चँदोवा देखकर,
पंछी करते शोर।।

हँसी ठिठोली जब करें
देवर भाभी संग।
सतरंगी मन बन चला,
फागुन केशर रंग।।

रंग गुलावी मन बना,
चला खोजने प्रेम।
रंग गुलावी कर थमा,
मिले तभी रे प्रेम।।

तेरे अपने तो सभी,
पर सब अपने होय।
अपनेपन के भाव पर,
होली बिना न होंय।।

शब्द शब्द संगीत रे,
देख बसंती गान।
अपने पन का शोर भी,
अपनेपन का गान।।
१०
देखो तितली खुशी से,
उड़ती पंख पसार।
बंदर की टोली सजी,
अद्भुत उनका प्यार।।
११
बसंत संन्धी कर संत,
शब्द अर्थ सुविशाल।
निज से निज की प्रीति तब,
‘अनेकांत’खुशहाल।।

राजेन्द्र’अनेकांत’
बालाघाट दि.०१-०२-१७

Language: Hindi
1636 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ जागो या फिर भागो...!!
■ जागो या फिर भागो...!!
*Author प्रणय प्रभात*
इजहार ए मोहब्बत
इजहार ए मोहब्बत
साहित्य गौरव
तुम लौट आओ ना
तुम लौट आओ ना
Anju ( Ojhal )
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
झूठी शान
झूठी शान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
दिल पे पत्थर
दिल पे पत्थर
shabina. Naaz
अंतिम एहसास
अंतिम एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"माटी से मित्रता"
Dr. Kishan tandon kranti
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
साहित्य क्षेत्रे तेल मालिश का चलन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
सीख लिया मैनै
सीख लिया मैनै
Seema gupta,Alwar
ख्वाब आँखों में सजा कर,
ख्वाब आँखों में सजा कर,
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
आर.एस. 'प्रीतम'
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
🌷 सावन तभी सुहावन लागे 🌷
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
नव लेखिका
2739. *पूर्णिका*
2739. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिधवा के पियार!
बिधवा के पियार!
Acharya Rama Nand Mandal
ज़िंदगी तेरे सवालों के
ज़िंदगी तेरे सवालों के
Dr fauzia Naseem shad
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !
बात हमको है बतानी तो ध्यान हो !
DrLakshman Jha Parimal
****शिरोमणि****
****शिरोमणि****
प्रेमदास वसु सुरेखा
Loading...