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11 Feb 2021 · 1 min read

बसंत का आगमन

शुभागमन है यह बसंत का
वसुधा के यौवन अनंत का
सुंदर पुष्प खिल उठे तरुवर
आनंदित उल्लास भरे मन
पवन बसंती बही सुगंधित
हुए मुदित वन पर्वत उपवन
निरख ज्योत्स्ना नीर हुलसता
सरिताओं के उदधि कंत का
शुभागमन है यह बसंत का
कोयल की मीठी बोली से
विह्वल हुए सब जीव सुरीले
शोक शुष्क हो गए सभी के
हुए प्रेम रस से सुख गीले
मोद भरी स्वर की ध्वनियों में
कण कण डूबा दिग दिगंत का
शुभागमन है यह बसंत का
वन की हिरनी बाट जोहकर
विकल उड़ाने भर भर आती
नीड़ों में उमगित पक्षी गण
पीड़ाओं की फटती छाती
भरे प्रेम के अश्रु नयन में
स्वागत करते नवल पंत का
शुभागमन है यह बसंत का
भँवरों की गुन गुन सु-माधुरी
कुसुम पुञ्ज पर गूँज रही है
मधु ऋतु के घट पट लहराती
धूप सुनहरी प्रीत गही है
प्रकृति सुसज्जित लिए पूर्णता
परिचय देती निज सुमंत का
शुभागमन है यह बसंत का

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 355 Views
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