Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2021 · 1 min read

बरसात

मृदा मुदित हो तृप्ति
से गीत गा चली है।
वसुधा की सरसों-चादर
सरकी-गिरी मिली है।

सज्जित वसुंधरा भी
मिलती धुली-धुली है।
नयनों से मेघ उलझे
बरसात आ मिली है।।

पूजे गये हैं बरगद,
भावुक बड़ी घड़ी है।
अमुवा की डालियाँ भी,
गुनगुन करे लगी हैं।

लाडो बनी कली है
शाखों पर आ खिली है।
नयनों से मेघ उलझे
बरसात आ मिली है।।

पयोधि ने विहँस के,
अंबर को कुछ रिझाया।
बदला धरा का ऐसा
प्रतिबिंब हर्ष लाया।

मलय ने तान छेड़ी,
बौछार गा पड़ी है।
नयनों से मेघ उलझे
बरसात आ मिली है।।

चर्चे अँदरसे के हैं,
महकी गली-गली है।
प्रियतम के लाल रंग से,
रचती हथेली भी है।

पाहुन की याद करती,
बूँदों की एक लड़ी है।
नयनों से मेघ उलझे
बरसात आ मिली है।।

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

5 Likes · 9 Comments · 580 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“ OUR NEW GENERATION IS OUR GUIDE”
“ OUR NEW GENERATION IS OUR GUIDE”
DrLakshman Jha Parimal
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
Paras Nath Jha
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
*योग-ज्ञान भारत की पूॅंजी, दुनिया को सौगात है(गीत)*
Ravi Prakash
2489.पूर्णिका
2489.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्रेम
प्रेम
Mamta Rani
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
सोचता हूँ के एक ही ख्वाईश
'अशांत' शेखर
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
RKASHA BANDHAN
RKASHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
अवधी मुक्तक
अवधी मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
💐Prodigy Love-17💐
💐Prodigy Love-17💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
Satish Srijan
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
जीवन के अंतिम पड़ाव पर लोककवि रामचरन गुप्त द्वारा लिखी गयीं लघुकथाएं
कवि रमेशराज
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
gurudeenverma198
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
पिता है तो लगता परिवार है
पिता है तो लगता परिवार है
Ram Krishan Rastogi
महाकाल का आंगन
महाकाल का आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
दुआ नहीं मांगता के दोस्त जिंदगी में अनेक हो
Sonu sugandh
"Do You Know"
शेखर सिंह
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
Ranjeet kumar patre
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
लक्ष्मी सिंह
Loading...