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21 May 2021 · 1 min read

बरसात का मौसम

खिल उठते है चेहरे, जब आती बरसात ।
झूम उठती है नदियाँ, आते तरु पर पात ।।१

मिट्टी उठती है महक, प्रकृति होती प्रसन्न ।
करते किसान बोवनी, तभी उपजता अन्न ।।२

काले – काले मेघ फिर, घिर आते चहुँओर ।
नभ में दमके दामिनी, भू पर नाचे मोर ।।३

पानी झमाझम बरसे, पवन मचाए शोर ।
समझ हमें आता नहीं, शाम हुई या भौर ।।४

बैठे- बैठे ले रहे, बारिश का आनंद ।
बीच- बीच में सुन रहें, सब आल्हा के छंद ।।५

छाता लगाकर निकले, देखों सब गोपाल ।
साथ- साथ सब जा रहें, आज देखने ताल ।।६

सड़क मार्ग अब बंद है, खेत बने तालाब ।
भारी बारिश हो रहीं, आफत का सैलाब ।।७

जिधर देखते है उधर, हरी- हरी है घास ।
धरा लगती सुंदर है, जैसे जन्नत खास ।।८

मौसम यह बरसात का, जीवन देता यार ।
होती है बरसात ही, धरती का श्रृंगार ।।९

पानी अमृत समान है, यह जग का आधार ।
व्यर्थ कभी न बहाइये, सुने सकल संसार ।।१०

3 Likes · 7 Comments · 424 Views
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