बरसाती मेंढक
बरसाती मेंढक दिखें, टर टर करते भाव।
ज्यों आने वाले अभी, कोई शीघ्र चुनाव।।
कोई शीघ्र चुनाव, लुभायें भोली जनता।
अपना बस बन जाय,बिगाड़ें कारज बनता।।
कहै अटल कविराय , दिखें हैं वो आघाती।
देखि मौसमी वृष्टि, फिरें मेंढक बरसाती।।