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13 Oct 2018 · 2 min read

बरनी जीवन की

एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और अपने साथ लाई एक काँच की बडी बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें टेबल टेनिस की गेंदें डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक कि उसमें एक भी गेंद समाने की जगह नहीं बची …
छात्र हैरान!आखिर आज प्रोफ़ेसर साहब कौनसा प्रैक्टिकल करवा रहें हैं।
सर ने छात्रों से पूछा,”क्या बरनी पूरी भर गई ?”
आवाज आई … यस सर
प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे – छोटे कंकर उसमें भरने शुरु किये धीरे – धीरे बरनी को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर उसमें जहाँ जगह खाली थी , समा गये।
फ़िर से प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्या अब बरनी भर गई,छात्रों ने एक बार फ़िर कहा यस सर
अब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले – हौले उस बरनी में रेत डालना शुरु किया,वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गई , छात्र अपनी नादानी पर हँसे।
फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा,क्यों अब तो यह बरनी पूरी भर गई ना ? हाँ .. अब तो पूरी भर गई है .. सभी ने कहा यस सर…
सर ने टेबल के नीचे से चाय के कैटल निकालकर उसमें दो कप जितनी चाय जार में डाली , चाय भी रेत के बीच स्थित थोडी सी जगह में सोख ली गई …
प्रोफ़ेसर साहब ने गंभीर आवाज में समझाना शुरु किया ….
इस काँच की बरनी को समझो अपना जीवन
टेबल टेनिस की गेंदें सबसे महत्वपूर्ण भाग अर्थात भगवान , परिवार , बच्चे , मित्र , स्वास्थ्य और शौक हैं
छोटे कंकर मतलब नौकरी कार,बडा़ मकान आदि हैं,
और……
रेत का मतलब बेकार सी बाते, झगड़े और मनमुटाव आदि है ..
अब यदि तुमने काँच की बरनी में सबसे पहले रेत भरी होती तो टेबल टेनिस की गेंदों और कंकरों के लिये जगह ही नहीं बचती , या कंकर भर दिये होते तो गेंदें नहीं भर पाते , रेत जरूर आ सकती थी …
ठीक यही बात जीवन पर लागू होती है …
यदि तुम छोटी – छोटी बातों के पीछे पडे़ रहोगे और अपनी ऊर्जा उसमें नष्ट करोगे तो तुम्हारे पास मुख्य बातों के लिये अधिक समय नहीं रहेगा …
मन के सुख के लिये क्या जरूरी है यह तुम्हें तय करना है।
अपने बच्चों के साथ खेलें,बगीचे में पानी डालें, सुबह पत्नी के साथ घूमने निकल जायें, घर के बेकार सामान को बाहर निकाल दें मेडिकल चेक – अप करवायें
टेबल टेनिस गेंदों की फ़िक्र पहले करें वही महत्वपूर्ण है …
पहले तय करें कि क्या जरूरी है … बाकी सब तो रेत है ..
छात्र बडे़ ध्यान से सुन रहे थे ..
अचानक एक ने पूछा ,” लेकिन सर!इन सबके बीच चाय?”
“जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे , लेकिन अपने खास मित्र के साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेशा होनी चाहिए” मुस्कराते हुए प्रोफेसर साहब ने जवाब दिया।
हम अपनी जीवन रूपी बरनी में मित्र, सम्बन्धी,बच्चे,परिवार,स्वस्थ और शौक रूपी टेबल टेनिस की गेंदों का संग्रह करें नौकरी,बड़ा मकान कार और ऐश्वर्य रूपी कंकर भी इक्कठे कर लें लेकिन बेकार की बातों मनमुटाव और झगड़ों की प्रतीक रेत को बिल्कुल एकत्र न होने दें और अपने मित्रों सम्बन्धियों को समय समय पर आमन्त्रित करते रहें इसी कामना के साथ…….

Language: Hindi
660 Views
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