बबुआ को ले अंक में
चित्र-काव्य
********************************************
प्रदत्त चित्र पर आधारित एक कुंडलियां छंद :-
———————————————-
बबुआ को ले अंक में, हर्षित बहना होय।
मन ही मन वह सोचती,नजर लगे नहिं कोय।।
नजर लगे नहिं कोय,हुई है मन में शंका।
परगट करती हर्ष, मिटाती है आशंका।
कहै अटल कविराय,व्यथित है उसका मनुआ।
गिरा दिवस का ताप,कांपता उसका बबुआ।।
?अटल मुरादाबादी?