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13 Sep 2019 · 1 min read

बनों जिम्मेदार

लगती नहीं
अच्छी
बंजर भूमि
बनो उत्पादक
दो योगदान
देश के लिए
बनो सहारा
माता पिता के
बनो भाग्य-विधाता
परिवार के

करना ही है तो
करो कुछ ऐसा
बह जाऐ
जल धाराएँ
रेगिस्तान में

है नहीं
कुछ भी
असंभव
जीवन में
रहे कृतसंकल्प
मेहनती
लगनशील
तो है नहीं
बंजर
कहीं भी

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 196 Views
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