बने रहिये कर्मठ
करें अधिकार की
बात बाद में
पहले बने कर्मठ
मेहनती और
ईमानदार
है अधिकार
सब के बराबर
चाहे बेटा हो
या हो वह बेटी
जल और जमी
पर है सबका
अधिकार
चाहे वो हो
कोई अमीर या
हो कोई गरीब
अधिकार है
सब को
जीने का
हर जीव
हर प्राणी को
करो ईश
वंदना सब
इतने उपजे
संसाधन जग में
न कोई रहे
भूखा प्यासा
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल