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7 Jun 2019 · 1 min read

बदला

गर्मी का मौसम था। चिलचिलाती धुप चल रही थी । लू की लहर से सारे परेशान थे । श्रीकांत जी स्कूल से आकर थोड़ी देर आराम किये । फिर चप्पा नल से ठंडा पानी निकाल कर नहाने लगे । श्रीकांत जी घर के बाहर एक पेड़ के नीचे वो चप्पा नल लगा हुआ था । बदन पे खूब जोर जोर से सबुन मल मल कर नहा रहे थे । आँखों में भी साबुन की झाग लगी हुई थी । शायद पुरे बदन की थकान को मिटाना चाह रहे थे । अचानक उनके पीठ पे किसी ने जोर का मुक्का मारा।

धपाक।

पुरे बदन में सनसनी फैल गई ।

इससे पहले कि आंखों में पानी डालकर साबुन धोते, मारने वाला उड़न छू हो गया। श्रीकांत जी पकड़ नही पाए उसको।

बहुत कोशिश की गई , पर मारने वाला पकड़ा नहीं गया । इस घटना को हुए 6 महीने बित गए थे । लोग उस घटना को लगभग भूल हीं गए ।

श्रीकांत जी एक हाई स्कूल में शिक्षक थे। उनका भतीजा लोभित उन्हीं के स्कूल में पढ़ता था। लगभग एक साल पहले श्रीकांत जी ने लोभित को सही जवाब नही देने पर छड़ी से मारा था। बहुत दिनों से बहुत दिनों से लोभित बदले का इन्तेजार कर रहा था। उस दिन चाचाजी के नहाते वक्त मौका मिला था ।

लगभग एक साल बाद पता चला । बदला लेने वाला उनका भतीजा लोभित हीं था। उस दिन हिसाब पूरा हो गया था।

अजय अमिताभ सुमन :सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
483 Views
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