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1 May 2018 · 1 min read

बदलाव

सूरज को भी उगते, ढलते देखा है,
बंजर भू को फूलो, फलते देखा है।
सदा एक सा कभी, किसी का रहा नहीं,
हमने सबका वक़्त, बदलते देखा है।।
#विपिन_शर्मा

Language: Hindi
308 Views
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