Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2017 · 1 min read

बदरा तुम क्यों शीत काल में

बदरा क्यों तुम शीत काल में
अंबर के घर आये हो ।
कैसी कामना पूरी करने
बिन बुलाये ही छाये हो ।
शरद गुलाबी को देखकर
मंद मंद मुस्काये हो ।
या चिढ़ाकर फिर उसे तुम
हमे ही सताने आये हो ।

डॉ रीता

Language: Hindi
264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
2714.*पूर्णिका*
2714.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
वो तो शहर से आए थे
वो तो शहर से आए थे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कौन?
कौन?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
মন এর প্রাসাদ এ কেবল একটাই সম্পদ ছিলো,
মন এর প্রাসাদ এ কেবল একটাই সম্পদ ছিলো,
Sukoon
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
Writer_ermkumar
"फलों की कहानी"
Dr. Kishan tandon kranti
তুমি সমুদ্রের তীর
তুমি সমুদ্রের তীর
Sakhawat Jisan
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
सरकार~
सरकार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
किस हक से जिंदा हुई
किस हक से जिंदा हुई
कवि दीपक बवेजा
*भूमिका*
*भूमिका*
Ravi Prakash
कोहली किंग
कोहली किंग
पूर्वार्थ
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
Harminder Kaur
नशा
नशा
Ram Krishan Rastogi
हो रही बरसात झमाझम....
हो रही बरसात झमाझम....
डॉ. दीपक मेवाती
मुझे किराए का ही समझो,
मुझे किराए का ही समझो,
Sanjay ' शून्य'
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
अगर आप रिश्ते
अगर आप रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
Pratibha Pandey
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
*Author प्रणय प्रभात*
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कीमत
कीमत
Paras Nath Jha
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
Loading...