Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2017 · 1 min read

बदनाम क्यूँ ????

ये किस्सा जिन्दगी में हमने आम होते देखा है।
हमने अच्छाइयों को नाकाम होते देखा है।

शोहरतें उनको मिलीं जिनका न ईमान कोई
सच्चे लोगों को हमने बदनाम होते देखा है।

करता है जुर्म कोई और कोई भुगते सज़ा
अक्सर इंसाफ बेलगाम होते देखा है।

हमने नारी की इज़्ज़त की धज्जियों को
तार-तार सड़कों पे सरेआम होते देखा है।

ऐ ऊपर वाले तेरी रहमतों की है दरकार
तेरी रहमत का भला अंजाम होते देखा है।

रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
दिनांक 14/12 /2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
©

455 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमसफर
हमसफर
लक्ष्मी सिंह
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
Santosh Soni
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
Dr Archana Gupta
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
यहाँ तो सब के सब
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
दो कदम
दो कदम
Dr fauzia Naseem shad
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
मैं अचानक चुप हो जाती हूँ
ruby kumari
मेरा कल! कैसा है रे तू
मेरा कल! कैसा है रे तू
Arun Prasad
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बिषय सदाचार
बिषय सदाचार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
💐Prodigy Love-34💐
💐Prodigy Love-34💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#आलिंगनदिवस
#आलिंगनदिवस
सत्य कुमार प्रेमी
आप और हम जीवन के सच....…...एक कल्पना विचार
आप और हम जीवन के सच....…...एक कल्पना विचार
Neeraj Agarwal
"अटल सत्य"
Dr. Kishan tandon kranti
पढ़ो और पढ़ाओ
पढ़ो और पढ़ाओ
VINOD CHAUHAN
कहने को आज है एक मई,
कहने को आज है एक मई,
Satish Srijan
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
*ई-रिक्शा तो हो रही, नाहक ही बदनाम (छह दोहे)*
Ravi Prakash
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
Anand Kumar
■ आज की सोच...
■ आज की सोच...
*Author प्रणय प्रभात*
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Loading...