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12 Sep 2016 · 1 min read

बदनसीबी कहाँ ले आई है

बदनसीबी कहाँ ले आई है
गम की बारात साथ लाई है

तार जब हों जुड़े हुए दिल के
दूर जाना न,बेवफाई है

कैसे कर पायेंगे विदा बेटी
सोच के फूटती रुलाई है

झूठ प्यारा लगा यहाँ इतना
बात सच की हुई पराई है

अर्चना खो रही है सपनों में
प्रीत सँग हो रही सगाई है

डॉ अर्चना गुप्ता

3 Comments · 380 Views
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