Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2017 · 2 min read

बढ़ावा ए बर्बादी !

अरे दो लोग आ गये हो ! बहुत है , आठ लोगों की ड्यूटी में ! तब तक सॅभालो ! बाकी लोग एक , दो , तीन या चाहे जब आएँ ! कोई फर्क नहीं पड़ता ! सब लोग मौज से ड्यूटी करो !
ड्यूटी पर आते ही फणीस माडर्न सुपरवाईजर वह भी देश की डिफेंस के बाद नंबर दो पर आने वाली संस्था के ! ऊपर से अपनी तो कोई यूनियन नहीं तो घुस लिए थे एक टुटपुँजिया पद लिए मजदूरों की यूनियन में और आज बढ़ावा दे रहे थे मजदूरों को किस बात का ! समझ से बाहर था ; समय पर पॅहुचे मजदूर कर्मी सुरेश के । कम पढ़ा-लिखा था जो वह ; अतः शांत व चुपचाप ड्यूटी पर लग गया था ।
जबकि फणीस ने शादी की थी राज्य सरकार में बिजली विभाग में समान पद पर कार्यरत महिला से लेकिन निगम होने में होने के कारण वेतन में आगे थी ।जबकि उसके खानदान में कभी भी घर की इज्जत रूपी महिला ने नौकरी हेतु बाहर कदम नहीं रखा था ।
और फणीस तो बस वाहवाही लूट रहा था पत्नी के दमपर कि यदि वह नौकरी में कहीं पर बुरा फॅस भी गया तो पत्नी वेतन तो है और यही सोच वह हवा देता जा रहा था जबकि समकक्ष उससे इस कमीनेपन से बात तक नहीं करते थे ।
रवि तीन घंटे बाद आकर सुरेश संग लग गया था यह कहते हुए कि साहेब बहुत अच्छे हैं । यह सुन सुरेश कम दिमाग होते हुए भी इतना सोच ही ले गया कि ये साहेब अच्छा तो है जो संस्था को ही डुबाने में लगा है और मेरे जैसे समय पर आने वालों की मरने । सोच रहा था तभी रवि ने पूँछा कि क्या सोचने लगे भाई ! तो वह धीरे से बोला कि यही यही कि साहेब ! बहुत अच्छे हैं !

Language: Hindi
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
तन माटी का
तन माटी का
Neeraj Agarwal
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
मिलन
मिलन
Gurdeep Saggu
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
Sanjay ' शून्य'
कबीर का पैगाम
कबीर का पैगाम
Shekhar Chandra Mitra
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जरूरी नहीं ऐसा ही हो तब
जरूरी नहीं ऐसा ही हो तब
gurudeenverma198
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरा मन उड़ चला पंख लगा के बादलों के
मेरा मन उड़ चला पंख लगा के बादलों के
shabina. Naaz
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
पर्व है ऐश्वर्य के प्रिय गान का।
surenderpal vaidya
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इश्क खुदा का घर
इश्क खुदा का घर
Surinder blackpen
ख़त्म हुआ जो
ख़त्म हुआ जो
Dr fauzia Naseem shad
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दर्पण
दर्पण
लक्ष्मी सिंह
*धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)*
*धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)*
Ravi Prakash
"दुर्भाग्य"
Dr. Kishan tandon kranti
■ सार संक्षेप...
■ सार संक्षेप...
*Author प्रणय प्रभात*
अम्बेडकरवादी हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
अम्बेडकरवादी हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...