बच्चों से सीख लो सच्ची राजनीति
तेरे चहरे पर हरेक हँसी हरेक शैतानी सच्ची है
ए खुदा, इंसान की यही तस्वीर सबसे अच्छी है ।।
गोदी में बैठकर ना देने की बात अच्छी है
ए ख़ुदा, ये तेरी आवाज़ कितनी सच्ची है ।।
कोई दाब पेच नही, कोई हया लाज नही
ए ख़ुदा, ये कच्ची उमर ही बहुत अच्छी है ।।
टूटे खिलौने,चाँद की ख़्वाहिश,माँ की लोरी
ए ख़ुदा, इस उम्र में कितनी सन्तुष्टि है ।।
बिखर जाना हर जगह पर रूठ जाना हर मोड़ पर
ए ख़ुदा, ये जिंदगी कितनी बेशकीमती है ।।
रोते को देखकर रोना, हंसते को देखकर हँसना
सियासतदां सीख लो बच्चो से, यही सच्ची राजनीति है ।।