बच्चें
बच्चें
खेल खेल में बच्चों को ज्ञान कराते जाएँगे,,,,
शिक्षक होने का दायित्व हम निभाते जाएँगे।।।।।
कोई न रहे अनपढ़ नई पहल करते जाएँगे,,,,,,,
भारत का भविष्य हम चमकाते जाएँगे,।।।।।।
हर बाधाओँ को दूर हटाते जाएँगे,,,,,,,,,
हर बच्चें का हम भविष्य बनाते जाएँगे,।।।।।।
माता पिता को उनके प्रेरित हम करते जाएँगे,,,,,,,
छुप न सके कोई प्रतिभा सबको सामने हम लाएँगे।।।
नन्ने मुन्ने बच्चों को नैतिकता पाठ पढ़ाएंगे,,,,,,,
अच्छे बुरे का ज्ञान हम कराते जाएँगे,।।।।।
चाहे हो कितनी मुश्किले शिक्षकों की रहो में,,,,,,
हर बालक को कुछ न कुछ लायक हम बनाएंगे।।।।।।
देश का नाम रोशन करें हर बालक और हर बेटी,,,
उनकी जीवन राह को सुगम हम बनाते जाएँगे।।।।
बच्चें मन के सच्चें इनकी बोली निराली है,,,,,,
जीवन मे एक आदर्श बन हम उतर इनके जाएँगे।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
सहायक अध्यापिका मंदसौर
मोबाइल नंबर 7772931211
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