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10 Apr 2020 · 1 min read

बचपन

न कोई सेल्फी ,न अपडेट,
फिर भी बचपन अप टू डेट।
थोड़ी पढ़ाई,थोड़ा ड्रामा,
सूरज दादा, चंदा मामा।
दौड़े भागे मस्ती की रेल,
सबका था आपस मे मेल।
नानी का घर, गर्मी की छुट्टी,
दो उँगली से मिल्ली-कट्टी।
चना चबैना सबको भाता,
विविध भारती मन बहलाता।
खुल कर रोते, खुल कर हँसते,
अपना बचपन ,खाओ पूरी खस्ते।।

Language: Hindi
5 Likes · 455 Views
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