Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2017 · 1 min read

बचपन के दिन

बहुत याद आते बचपन के साथी,
देखा करते थे सब मिलकर हाथी,
उछल कूद करते थे गलियाे मे,
मिलकर चुराते थे अमरुद डलियाे से,
न काेई चिंता न था काेई गम,
खेला करते थे ताश की बेगम,
अपने साथ थी मित्रों की एक टाेली,
टाेली में खेला करते थे हम सब हाेली,
हाेली के बाद सब मित्र नही गये शाला,
शाला के लिये गये सब चुनने काे माला,
माला पहने थी शाला की हर एक बाला,
बाला हाेती है प्यारी,जिसे प्यार से पाला,
पाला हुअा था एक श्वान रंग था उसका काला,
काला चश्मा पहने आये एक हमारे लाला,
लाला काे सबने बहुत चिढाया एक दिन,
दिन वाे बीत गये कैसे रहे उनके बिन,
बिन मित्र के सूना है यह जगदीश,
।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
Neeraj Agarwal
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
फूल मोंगरा
फूल मोंगरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
Neelam Sharma
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
💐प्रेम कौतुक-224💐
💐प्रेम कौतुक-224💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/102.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"तापमान"
Dr. Kishan tandon kranti
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शायरी संग्रह
शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
माता पिता नर नहीं नारायण हैं ? ❤️🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
Lately, what weighs more to me is being understood. To be se
पूर्वार्थ
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
वयम् संयम
वयम् संयम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
चंद घड़ी उसके साथ गुजारी है
Anand.sharma
Loading...